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आजादी का 75 वाँ अम्रत महोत्सव और मरता पिटता दलित आदिवासी समाज : इस सब का जिम्मेदार कौन ?

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राजस्थान के जालोर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव में देवाराम मेघवाल का नौ साल का बच्चा इन्द्र मेघवाल 20 जुलाई को एक प्राइवेट स्कूल सरस्वती विद्यालय में पढ़ने जाता है, बच्चे को प्यास लगती है, तो वहीं पास में रखे एक मटके से बच्चा पानी पी लेता है। बच्चे को मटके में से पानी पीते हुए जातिवादी मानसिकता से ग्रसित अध्यापक छैल सिंह राजपूत उसे देख लेता है और अध्यापक छैल सिंह राजपूत को ये बात नागवार गुजरती है, कि एक दलित के बच्चे ने मटके से पानी क्यों पी लिया मटका गंदा हो गया, इसी बात को लेकर अध्यापक छैल सिंह राजपूत बच्चे इन्द्र मेघवाल को इतना मारता है, इतना मारता है, कि बच्चे की आँख सूज आती है, कान के पर्दे की नस तक फट जाती है। बच्चा रोता बिलखता हुआ अपने घर पहुँचता है और अपने पिताजी दयाराम मेघवाल को सारी बात बताता है। बच्चे के पिता दयाराम मेघवाल तुरंत बच्चे इन्द्र मेघवाल को जालोर के ही एक सरकारी जिला अस्पताल लेकर जाते हैं, साथ ही थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने जाते हैं, लेकिन पुलिस वाले राजपूत अध्यापक के दवाब की वजह से रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करते हैं। अस्पताल वाले द...

दिल्ली के मुंडका इलाके की एक चार मंजिला बिल्डिंग में लगी आग की वजह से हुई 27 मौतों का जिम्मेदार कौन?

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आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन होगा?  दिल्ली के अन्दर आम आदमी पार्टी की सरकार है और MCD में भाजपा की सरकार है। इन दोनों सरकारों की मौजूदगी में चार मंजिला इमारत बिना फायर सेफ्टी गाइडलाइंस के तैयार हो गयी और कल उसी बिल्डिंग में आग लगने की वजह से 27 लोगों ने अपनी जान गवां दी और कई लोगों के अभी मलबे में फंसे होने की आशंका है। इसका जिम्मेदार कौन होगा? अरविंद केजरीवाल कहते हैं, कि हमने दिल्ली को विश्व में एक नयी पहचान दिलाई है। वहीं भाजपा कहती है, कि केजरीवाल ने दिल्ली को बदहाल कर दिया है। कुछ हद तक भाजपाइयों का भी कहना ठीक है, लेकिन MCD में तो भाजपा की ही सरकार है और बिना MCD की परमीशन के कोई भी अपनी मर्जी से दिल्ली में बिल्डिंग का निर्माण नहीं कर सकता है। तो बिना फायर सेफ्टी गाइडलाइंस के बिल्डिंग कैसे तैयार हो गई ? हकीकत तो ये है कि केजरीवाल और भाजपाई मिलकर दिल्ली वालों को लूट रहे हैं। जब इनके घरों में से इस तरह लोग मरेंगे तो सब अक्ल ठिकाने आ जाएगी। लेकिन मर तो ज्यादातर इन हादसों में गरीब ही रहे हैं, और गरीबों की ये सामंतवादी सरकार कभी सुनने वाली नहीं हैं। इसके ...

विश्व महिला दिवस पर महिलाओं का कितना उद्धारण हुआ ?

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                विश्व महिला दिवस विषेश  पूरा विश्व आज महिला दिवस मना रहा है, लेकिन महिलाओं को आगे कैसे लाया जाए इसकी बात कोई भी नहीं करना चाहता है, उल्टा महिलाओं को घरेलू कामों में सभी उलझा के रखना चाहते हैं, तो ये कैसा महिला दिवस है, जहाँ आप महिलाओं को आगे ही नहीं आने देना चाहते हो ऐसा नहीं है कि पुरुषों की वजह से ही महिलाओं को आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा इसमें वो महिलाएँ भी जिम्मेदार हैं, जो महिला होकर महिलाओं की बात तक नहीं करती हैं, सिर्फ अपने आप तक ही सिमट कर रह जाती हैं। भारत में बाबा साहब डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर जी के द्वारा लाये गये हिन्दु कोड बिल जिसकी वजह से महिलाओं को उनके हक मिलते जिसे कांग्रेस ने पास नहीं होने दिया था जिस कारण बाबा साहब ने कानून मंत्री के पद से  त्यागपत्र दे दिया था।  खैर बाद में जवाहर लाल नेहरू ने प्रथम लोकसभा चुनाव के बाद कई एक्ट बनाकर जैसे हिन्दु मैरिज एक्ट 1955, हिन्दु उत्तराधिकार अधिनियम 1956, हिन्दु दत्तक ग्रहण और पोषण अधिनियम, हिन्दु अवयस्कता और संरक्षण अधिनियम...

सामंतवादी सवर्ण मानसिकता के लोग आरक्षण पर अपनी बचकानी बातें कहने से पहले अपने अन्दर झांककर देखें।

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तीन चार दिन पहले एक लड़का मारा गया था यूक्रेन में उस लड़के का बाप कहता है,मेरा बेटा रिजर्वेशन की वजह से मरा है,मेरे बेटे के 12th में 97% मार्क्स थे तो इसके बेटे का नीट में सेलेक्शन क्यों नहीं हुआ जाहिर सी बात है इसका लड़का नीट क्वालीफाई नहीं कर पाया इसलिए इसने अपने लड़के को यूक्रेन से MBBS करने के लिए भेज दिया जहाँ MBBS करने का खर्चा करीब 30-35 लाख है वहीं भारत में 1.5 करोड़ रुपए करीब का आता है। जाहिर सी बात है जिसके पास कम पैसा होता है वो कम खर्च में ही काम चलाएगा इसलिए इसने अपने लड़के को यूक्रेन पढ़ने के लिए भेज दिया लेकिन ये कहना कि मेरा बेटा रिजर्वेशन की वजह से मरा है गले नहीं उतर रहा है इसने भारत की शिक्षा व्यवस्था को लेकर कुछ नहीं कहा जो कि भारत के अन्दर शिक्षा को धन्ना सेठों ने अपना व्यवसाय बना लिया है। बस सेलेक्शन ना होने पर रिजर्वेशन पर अपना ज्ञान जरूर पेलेंगे जो कि निहायती घटिया होता है। अरे भाई जब 2500 वर्षों से तुम्हारे बाप दादाओं ने जमकर रिजर्वेशन लूट खाया है और अब भी खा रहे हैं, तब तुम्हें कोई दिक्कत नहीं होती है, लेकिन 70 साल से SC . ST . और 30 साल से OBC को क्य...

बहुजन समाज पार्टी को सत्ता में आने से रोकने के लिए भाजपा का मनु मीडिया के द्वारा बसपा के खिलाफ प्रोपेगैंडा चलाया जाना

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बसपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो भाजपा कांग्रेस और छोटा रिचार्ज आम आदमी को इस देश की सत्ता से हमेशा के लिए बाहर कर सकती है। बहुजन समाज पार्टी  ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसका कैडराइज वोट 21- 22 % हर चुनाव में रहता है, अगर इसमें 10% अन्य वोट जुड़ जाए तो बसपा को हराने वाला कोई नहीं है। इसलिए बीजेपी मनु मीडिया के द्वारा जानबूझकर ये प्रचार करा रही है, कि बसपा तो कहीं दिखाई ही नहीं दे रही है। क्योंकि बसपा को अगर मुस्लिम वोट, अन्य पिछड़ा वर्ग का वोट और कुछ सवर्ण वोट जो बीजेपी से नाराज चल रहा है, अगर बसपा को मिल गया तो बसपा सरकार बना ले जायेगी और जो बीजेपी ने 2024 लोक सभा आम चुनाव में जीतने का ख्वाब पाल रखा है, वो धूमिल हो जाएगा अगर बसपा की सरकार बन जाएगी तो। इसलिए बीजेपी जानबूझकर सपा बनाम भाजपा नैरेटिव मनु मीडिया के द्वारा चलवा रही है। क्योंकि बीजेपी चाहती है, जो मुस्लिम वोटर है उसमें धुर्वीकरण हो जाये और बंटाधार हो जाए और इसका जीता जागता सबूत असदुद्दीन ओवैसी साहब पर गोलिंया चलवाना भी है जिस तरह से असदुद्दीन   ओवैसी साहब प...

फूलन देवी एक ऐसी महिला शख्सीयत जिन्होने पूरे जीवन भर दुख ही दुख झेला : पढ़िए उन्ही के बारे में

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10 अगस्त 1963 का दिन यूपी के जालौन जिले के गांव गोरहा के मल्लाह देवी दीन के लिए नई मुसीबत लेकर आया था. मुसीबत इसलिए थी क्योंकि उसके घर बेटी ने जन्म लिया था. अगर बेटा हुआ होता तो जश्न का माहौल होता. अब बेटी ने जन्म लिया था तो चिंता से मल्लाह का सिर फटा जा रहा था. चिंता उसको पालने की, चिंता उसको बड़ा करने की और चिंता उसकी शादी की. देवी दीन ने अपनी बेटी का नाम रखा फूलन. शुरुआत में पिता देवी दीन को भी इस बात का अंदाजा नहीं रहा होगा कि जिस बेटी का जन्म उसके लिए खास नहीं था, उसकी मृत्यु का दिन इतना खास हो जाएगा कि पूरे देश में हडकंप मच जाएगा. अपने मां-बाप के छः बच्चों में फूलन दूसरे नंबर पर थी. वह दब्बू और शांत नहीं थी, वह एकदम अलग थी. इतनी अलग कि सही-गलत की लड़ाई के लिए वह किसी से भी भिड़ जाती थी. फूलन के पिता देवी दीन कड़ी मेहनत के बाद घर का खर्च चला पाते थे. सम्पत्ति के नाम पर उनके पास केवल एक एकड़ ज़मीन थी. उनके पिता की मृत्यु के बाद उनका बड़ा भाई घर का मुखिया बना तथा अपने बेटे माया दीन के साथ मिलकर उसने देवी दीन के हिस्से की ज़मीन भी हड़प ली.  जब फूलन को इस बात का पता लगा कि उसके चाचा ने उस...